दिनांक :11/12/2024
राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला के शिक्षा विभाग की ओर में मानवाधिकार दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला के शिक्षा विभाग की ओर में आज मानवाधिकार दिवस पर एक दिवसीय कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कॉलेज प्राचार्य प्रो. राकेश पठानिया ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की जबकि राजकीय महाविद्यालय नगरोटा सुरियां के प्राचार्य डॉ अरुण चन्द्र ने विशिष्ट अतिथि शिरकत की। इस दौरान सर्वप्रथम शिक्षा विभाग की छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। इसके उपरांत शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों द्वारा लघु नाटक, पंजाबी नृत्य, लदाखी नृत्य और पहाड़ी नृत्य प्रस्तुत किया। डॉ. गौरव ने बताया कि प्राचार्य प्रो. राकेश पठानीय की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में वक्ताओं ने मानवाधिकारों के संरक्षण पर बल दिया। प्राचार्य प्रो राकेश पठानिया ने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा हर हाल में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार मानव के सम्मान और गरिमा के लिए आवश्यक हैं। । बशिष्ठ अतिथी डॉ अरुण चन्द्र ने समाजशास्त्रीय परिपेक्ष्य में मानवाधिकारों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला सहित आठ अन्य महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने प्रतियोगिताओं में बढ़चढ़कर भाग लिया। इस अवसर पर भाषण प्रतियोगिता, नारा लेखन प्रतियोगिता और पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया।
भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने बड़े ही प्रभावशाली और औजस्वी विचार प्रस्तुत किए। डॉ पूजा संदल, डॉ पूजा दीवान, और प्रो रिषभ ने निर्णायक मंडल की भूमिका निभाई। भाषण प्रतियोगिता में राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला की सोनिया थापा ने प्रथम, राजकीय शिक्षा महाविद्यालय धर्मशाला की लवीना ठाकुर ने द्वितीय और अवस्थी कॉलेज ऑफ एजुकेशन की शांडली कौशल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
पोस्टर मेकिंग में राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला के रमन ने प्रथम, राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला की अनन्या शर्मा ने दूसरा और शरण कॉलेज ऑफ एजुकेशन की साक्षी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। द्रोणाचार्य कॉलेज ऑफ एजुकेशन रैत की छात्रा पलक को सांत्वना पुरस्कार दिया गया।
नारा लेखन में राजकीय महाविद्यालय नगरोटा बगवां की छात्रा रिया चौधरी, राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला की पायल और राजकीय शिक्षा महाविद्यालय धर्मशाला के रितिक सकलानी क्रमश: प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहे।
छोटे देशों के अधिकारों को संरक्षित करने का प्रयास करना चाहिए। समाज के सभी नागरिकों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है। व्यक्ति अपने अधिकारों के प्रति यदि सचेत नहीं होगा तो वह दूसरों के अधिकारों का भी ध्यान नहीं रख सकता। जागरूक नागरिक ही जागरूक समाज की आधारशिला रखते हैं। मुख्यातिथि प्रो राकेश पठानिया ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए।
शिक्षा विभाग के डा गौरव महाजन ने मुख्यातिथि, विशिष्ट अतिथि और अन्य महाविद्यालयों से आए अध्यापकों और प्रतिभागियों को कार्यक्रम सफल बनाने के लिए शिक्षा बिभाग की और से धन्यवाद व् आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा की प्राचार्य महोदय के मार्गदर्शन से इस कार्यक्रम को अंतर महाविद्यालय स्तर पर आयोजित किया गया।
मंच का संचालन अंश और महक ने किया। अंत में मुख्य अतिथि राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला के प्राचार्य प्रो राकेश पठानिया और विशिष्ट अतिथि राजकीय महाविद्यालय नगरोटा सूरियां के प्राचार्य डॉ अरुण चंद्र और अन्य महाविद्यालयों से आए सभी प्राध्यापकों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।